Friday, December 12, 2008

इतनी शक्ति हमें देना दाता... (फिल्मी प्रार्थना)

रचनाकार: अभिलाष

विशेष नोट : यह गीत एन. चंद्रा की हिन्दी फिल्म 'अंकुश' में, कुलदीप सिंह द्वारा तैयार की गई धुन पर पूर्णिमा (पुराना नाम - सुषमा श्रेष्ठ) और पुष्पा पागधरे ने स्वरबद्ध किया...

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो न,
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है, सहमा सहमा-सा हर आदमी है,
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए, जाने कैसे ये धरती थमी है,
बोझ ममता का तू ये उठा ले, तेरी रचना का ये अंत हो न...
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

दूर अज्ञान के हों अंधेरे, तू हमें ज्ञान की रोशनी दे,
हर बुराई से बचते रहें हम, जितनी भी दे भली ज़िन्दग़ी दे,
बैर हो न, किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो न...
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

हम न सोचें, हमें क्या मिला है, हम ये सोचें, किया क्या है अर्पण,
फूल खुशियों के बांटें सभी को, सबका जीवन ही बन जाए मधुबन,
अपनी करुणा का जल तू बहाकर, करदे पावन हरेक मन का कोना...
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

हम अंधेरे में हैं रोशनी दे, खो न दें खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाएं अपने किए की, मौत भी हो तो सह लें खुशी से,
कल जो गुज़रा है, फिर से न गुज़रे, आने वाला वो कल ऐसा हो न...
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो न,
हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो न...

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