Thursday, August 05, 2010

भजो रे मन गोविन्दा... (भजन)

विशेष नोट : मेरे बचपन में हमारे घर के पास बने मंदिर में प्रवचन और भगवत कथा के लिए एक स्वामी जी आया करते थे, जो अब वृंदावन में आश्रम बनाकर रहते हैं... वह एक भजन गाया करते थे, जो मुझे काफी पसंद था, सो, आज वह भी आप लोगों के लिए ले आया हूं... संभव है, इसमें एक-दो अंतरे और भी हों, लेकिन मुझे इतना ही याद है... 

नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...
सांवली सूरत, मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...

सब देवन में कृष्ण बड़े हैं...
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं...
ज्यों तारों में चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...
ज्यों तारों में चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...
नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...

सब सखियन में राधा बड़ी हैं...
सब सखियन में राधा बड़ी हैं...
ज्यों नदियों में गंगा, भजो रे मन गोविन्दा...
ज्यों नदियों में गंगा, भजो रे मन गोविन्दा...
नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा...

Monday, August 02, 2010

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो... (फिल्मी प्रार्थना)

विशेष नोट : सुनील दत्त तथा मीना कुमारी अभिनीत वर्ष 1961 में बनी हिन्दी फिल्म 'मैं चुप रहूंगी' में फिल्माया गया यह गीत आज भी बहुत-से विद्यालयों में प्रार्थना के रूप में गाया जाता है...

रचनाकार : राजेंद्र कृष्ण
फिल्म : मैं चुप रहूंगी
पार्श्वगायन : लता मंगेशकर
संगीतकार : चित्रगुप्त

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...

तुम्ही हो साथी, तुम्ही सहारे, कोई न अपना, सिवा तुम्हारे...
तुम्ही हो साथी, तुम्ही सहारे, कोई न अपना, सिवा तुम्हारे...
तुम्ही हो नैया, तुम्ही खिवैया, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...

जो खिल सके न, वो फूल हम हैं, तुम्हारे चरणों की, धूल हम हैं...
जो खिल सके न, वो फूल हम हैं, तुम्हारे चरणों की, धूल हम हैं...
दया की दृष्टि सदा ही रखना, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो, तुम्ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो...


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