Friday, December 12, 2008

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मन्दिर आलीशान... (भजन)

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मन्दिर आलीशान...

किसने जानी तेरी माया, किसने भेद तिहारा पाया...
हारे ऋषि-मुनि कर ध्यान...
हारे ऋषि-मुनि कर ध्यान... बना मन मन्दिर आलीशान...

तू ही जल में, तू ही थल में, तू ही मन में, तू ही वन में...
तेरा रूप अनूप महान...
तेरा रूप अनूप महान... बना मन मन्दिर आलीशान...

तू हर गुल में, तू बुलबुल में, तू हर डाल के हर पातन में...
तू है सर्वशक्तिमान...
तू है सर्वशक्तिमान... बना मन मन्दिर आलीशान...

तू ही राजा को रंक बनावे, तू ही रंक को छत्र बिठावे...
तेरी लीला है बलवान...
तेरी लीला है बलवान... बना मन मन्दिर आलीशान...

झूठे जग की झूठी माया, मूरख इसमें क्यों भरमाया...
कर ले जीवन का कुछ ध्यान...
कर ले जीवन का कुछ ध्यान... बना मन मन्दिर आलीशान...

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