Tuesday, June 21, 2011

जो दिया था तुमने इक दिन, मुझे फिर वो प्यार दे दो... (संबंध)

विशेष नोट : आज सुबह-सुबह मेरे फुफेरे भाई ने अपने फेसबुक पर इक गीत के मुखड़े से स्टेटस अपडेट किया... बस, याद आ गया, कितना अच्छा लगता था यह गीत स्कूल के दिनों में... कवि प्रदीप के लिखे बेहद खूबसूरत बोल, और सचमुच हिलाकर रख देने वाली आवाज़ महेन्द्र कपूर की... सो, आप सब भी आनंद लीजिए...

फिल्म : सम्बन्ध (1968)
संगीतकार : ओपी नय्यर
पार्श्वगायक : महेन्द्र कपूर, हेमंत कुमार
गीतकार : कवि प्रदीप (वास्तविक नाम - रामचंद्र द्विवेदी)

किस बाग़ में मैं जन्मा, खेला, मेरा रोम-रोम यह जानता है...
तुम भूल गए शायद माली, पर फूल तुम्हें पहचानता है...

जो दिया था तुमने इक दिन, मुझे फिर वो प्यार दे दो...
इक कर्ज़ मांगता हूं, बचपन उधार दे दो...

तुम छोड़ गए थे जिसको, इक धूल-भरे रस्ते में,
वो फूल आज रोता है, इक अमीर के गुलदस्ते में...
मेरा दिल तड़प रहा है, मुझे फिर दुलार दे दो...
इक कर्ज़ मांगता हूं, बचपन उधार दे दो...
जो दिया था तुमने इक दिन, मुझे फिर वो प्यार दे दो...

मेरी उदास आंखों को, है याद वो वक्त सलोना,
जब झूला था बांहों में, मैं बनके तुम्हारा खिलौना...
मेरी वो खुशी की दुनिया, फिर एक बार दे दो...
इक कर्ज़ मांगता हूं, बचपन उधार दे दो...
जो दिया था तुमने इक दिन, मुझे फिर वो प्यार दे दो...

तुम्हें देख नाच उठते हैं, मेरे पिछले दिन वो सुनहरे,
और दूर कहीं दिखते हैं, मुझसे बिछड़े दो चेहरे...
जिसे सुनके घर वो लौटे, मुझे वो पुकार दे दो...
इक कर्ज़ मांगता हूं, बचपन उधार दे दो...
जो दिया था तुमने इक दिन, मुझे फिर वो प्यार दे दो...

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