Friday, June 03, 2011

चिड़िया... (श्यामसुन्दर अग्रवाल)

विशेष नोट : हर साल की तरह छुट्टियों में बच्चे इस बार भी मेरे पास दिल्ली पहुंच चुके हैं, सो, उन्हें कुछ नया सिखाने की मेरी कवायद भी हमेशा की तरह शुरू हो गई है, जिसका परिणाम श्री श्यामसुन्दर अग्रवाल द्वारा रचित इस शिक्षाप्रद बाल कविता के रूप में आपके सामने है... भारतीय भाषाओं में रचित काव्य के संकलन के लिए प्रसिद्ध www.kavitakosh.org के अनुसार श्री अग्रवाल का जन्म पंजाब के कोटकपुरा में हुआ था... श्री अग्रवाल हिन्दी और पंजाबी भाषा में कविताएं रचने के अतिरिक्त कहानियां और लघुकथाएं लिखने, उनके सम्पादन तथा अनुवाद करने के लिए भी जाने जाते हैं... श्री अग्रवाल पिछले 21 वर्ष से लघुकथाओं की पंजाबी त्रैमासिक पत्रिका 'मिन्नी' के संयुक्त सम्पादक भी हैं... 
 
 
 सुबह-सवेरे आती चिड़िया,
आकर मुझे जगाती चिड़िया...
ऊपर बैठ मुंडेर पर,
चीं-चीं, चूं-चूं गाती चिड़िया...

जाना है, नहीं स्कूल उसे,
न ही दफ़्तर जाती चिड़िया...
फिर भी सदा समय से आती,
आलस नहीं दिखाती चिड़िया...

थोड़ा-सा चुग्गा लेकर भी,
दिन-भर पंख फैलाती चिड़िया...
इससे सेहत ठीक है रखती,
नहीं दवाई खाती चिड़िया...

छोटी-सी है, फिर भी बच्चों,
बातें कई सिखाती चिड़िया...
रखो सदा ध्यान समय का,
सबको पाठ पढ़ाती चिड़िया...

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