Tuesday, April 13, 2010

राम... (मोहम्मद इक़बाल)

विशेष नोट : 'सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा...' गीत लिखने के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध रहे मोहम्मद इक़बाल का जन्म 9 नवंबर, 1877 को पंजाब के सियालकोट में हुआ, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है, और उनका निधन 21 अप्रैल, 1938 को हुआ... उनकी यह रचना भी मुझे काफी पसंद है, सो, आप लोगों के लिए भी पेश है...

लबरेज़ है शराबे-हक़ीक़त से जामे-हिन्द [1]...
सब फ़ल्सफ़ी हैं खित्ता-ए-मग़रिब के रामे हिन्द [2]...
ये हिन्दियों के फिक्रे-फ़लक [3], उसका है असर...
रिफ़अत [4] में आस्मां से भी ऊंचा है बामे-हिन्द [5]...
इस देश में हुए हैं हज़ारों मलक [6] सरिश्त [7]...
मशहूर जिसके दम से है, दुनिया में नामे-हिन्द...
है राम के वजूद [8] पे हिन्दोस्तां को नाज़...
अहले-नज़र समझते हैं, उसको इमामे-हिन्द...
एजाज़ [9] इस चिराग़े-हिदायत [10] का है यही...
रोशन तिराज़ सहर [11] ज़माने में शामे-हिन्द...
तलवार का धनी था, शुजाअत [12] में फ़र्द [13] था...
पाकीज़गी [14] में, जोशे-मुहब्बत में फ़र्द था...

मुश्किल अल्फ़ाज़ के माने... (कठिन शब्दों के अर्थ)
1. हिन्द का प्याला सत्य की मदिरा से छलक रहा है...
2. पूरब के महान चिंतक हिन्द के राम हैं...
3. महान चिंतन...
4. ऊंचाई...
5. हिन्दी का गौरव या ज्ञान...
6. देवता...
7. ऊंचे आसन पर...
8. अस्तित्व...
9. चमत्कार...
10. ज्ञान का दीपक...
11. भरपूर रोशनी वाला सवेरा...
12. वीरता...
13. एकमात्र...
14. पवित्रता...

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...