Saturday, August 15, 2009

शिव आए यशोदा के द्वार... (भजन)

विशेष नोट : नानीजी की डायरी से...

 शिव आए यशोदा के द्वार, मात मोहे दर्शन करा...
मेरा सोया पड़ा है कुमार, बाबा तू भीख ले के जा...

कैलाश पर्वत से आया हूं माता, घर तेरे जन्मा है जग का विधाता,
आंगन में छा रही बहार, मात मोहे दर्शन करा...

मुश्किल से बाबा ये दिन आज आया, बीती उमरिया में बेटा है पाया,
मेरे प्राणों का है ये आधार, बाबा तू भीख ले के जा...

गल तेरे बाबा है मुण्डों की माला, डर जाएगा देख ये मेरो लाला,
ज़िद नाहीं कर तू बेकार, बाबा तू भीख ले के जा...

जिसको समझती है बेटा तू अपना, वो तो है सारे जगत का विधाता,
मेरा है जीवन आधार, मात मोहे दर्शन करा...

जिससे तो डरता है संसार सारा, उसको डराऊंगा क्या मैं बिचारा,
मेरे प्राणों का है वो आधार, मात मोहे दर्शन करा...

डरती हुई माता भीतर से आई, गोदी में अपने कन्हाई को लाई,
देवों ने जय-जय कहा, मात मोहे दर्शन करा...

शिवजी को देखत कृष्णा मुस्काए, मन ही मन में शीश नवाए,
जीवन को सफल बना, मात मोहे दर्शन करा...

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