Wednesday, May 15, 2013

हे दयालु नेता... (अल्हड़ बीकानेरी)

विशेष नोट : बचपन में जिन हास्य कवियों को सुना और पसंद किया, उनमें से एक बड़ा नाम है अल्हड़ बीकानेरी जी का... आज अचानक मेरे साथी सुनील कुमार सिरीज ने इनका ज़िक्र किया, और काव्यांचल.कॉम से ढूंढकर उनकी यह कविता फेसबुक पर डाली... मुझे भी अच्छी लगी, सो, आप लोगों के लिए भी ले आया हूं... आनन्द लें... विकीपीडिया के मुताबिक श्री अल्हड़ बीकानेरी का जन्म श्यामलाल शर्मा के रूप में हरियाणा के जिला रेवाड़ी स्थित गांव बीकानेर में 17 मई, 1937 को हुआ था, तथा उनका देहावसान 17 जून, 2009 को हुआ... उनका विस्तृत परिचय पढ़ने के लिए काव्यांचल, विकीपीडिया अथवा WikiPedia पर क्लिक करें...


 तुम्हीं हो भाषण,
तुम्हीं हो ताली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं हो बैंगन,
तुम्हीं हो थाली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं पुलिस हो,
तुम्हीं हो डाकू...
तुम्हीं हो ख़ंजर,
तुम्हीं हो चाकू...
तुम्हीं हो गोली, तुम्हीं दुनाली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं हो इंजन,
तुम्हीं हो गाड़ी...
तुम्हीं अगाड़ी,
तुम्हीं पिछाड़ी...
तुम्हीं हो 'बोगी' की 'बर्थ' खाली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं हो चम्मच,
तुम्हीं हो चीनी...
तुम्हीं ने होठों से,
चाय छीनी...
पिला दो हमको, ज़हर की प्याली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं ललितपुर,
तुम्हीं हो झांसी...
तुम्हीं हो पलवल,
तुम्हीं हो हांसी...
तुम्हीं हो कुल्लू, तुम्हीं मनाली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं बाढ़ हो,
तुम्हीं हो सूखा...
तुम्हीं हो हलधर,
तुम्हीं बिजूका...
तुम्हीं हो ट्रैक्टर, तुम्हीं हो ट्राली...
दया करो, हे दयालु नेता...

तुम्हीं दल-बदलुओं
के हो बप्पा...
तुम्हीं भजन हो,
तुम्हीं हो टप्पा...
सकल भजन-मण्डली बुला ली...
दया करो, हे दयालु नेता...

पिटे तो तुम हो,
उदास हम हैं...
तुम्हारी दाढ़ी के,
दास हम हैं...
कभी रखा ली, कभी मुंडा ली...
दया करो, हे दयालु नेता...

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...