Monday, January 04, 2010

पेड़ हमारा जीवनदाता... (विवेक रस्तोगी)

विशेष नोट : कल रात बेटे की कुछ नया सिखाने की फरमाइश पूरी करने के चक्कर में एक छोटी-सी कविता लिख डाली... कृपया टिप्पणी करते वक्त याद रखें, यह चार साल के बच्चे के लिए लिखी गई है...


हरा-हरा जो पेड़ है होता,
मीठे-मीठे फल है देता...
खुशबू वाले फूल भी देकर,
बदले में कुछ भी न लेता...

पेड़ बड़ा जब हो जाता है,
धूप से हमें बचाता है...
ठंडी-ठंडी छाया इसकी,
हमें आराम पहुंचाता है...

पेड़ कभी न काटो भैया,
बारिश यह लेकर आता...
सदा याद रखो तुम साथी,
पेड़ हमारा जीवनदाता...

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