हरा-हरा जो पेड़ है होता,
मीठे-मीठे फल है देता...
खुशबू वाले फूल भी देकर,
बदले में कुछ भी न लेता...
पेड़ बड़ा जब हो जाता है,
धूप से हमें बचाता है...
ठंडी-ठंडी छाया इसकी,
हमें आराम पहुंचाता है...
पेड़ कभी न काटो भैया,
बारिश यह लेकर आता...
सदा याद रखो तुम साथी,
पेड़ हमारा जीवनदाता...
very nice poem
ReplyDeleteThanks for the words of praise, Mr Anonymous... :-)
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