tag:blogger.com,1999:blog-3482810709748108183.post1886117267720659966..comments2023-09-23T16:09:45.698+05:30Comments on कुछ पुरानी यादें... (कविताएं, गीत, भजन, प्रार्थनाएं, श्लोक, अनूदित रचनाएं): आई रेल, आई रेल... (रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')Vivek Rastogihttp://www.blogger.com/profile/13115647692028990343noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3482810709748108183.post-43465899895569875022011-06-03T19:37:40.908+05:302011-06-03T19:37:40.908+05:30शास्त्री जी... क्षमा चाहता हूं, परंतु आपसे संपर्क ...शास्त्री जी... क्षमा चाहता हूं, परंतु आपसे संपर्क के किसी साधन का ज्ञान न होने से ऐसा हुआ, वरना अवश्य सूचना देता... वैसे इसके अतिरिक्त आपकी एक और कविता 'प्यारी प्राची' भी मैंने अपने ब्लॉग में इस्तेमाल की है, जिसका लिंक दिए दे रहा हूं... और हां, उस कविता में नाम बदल देने के लिए कविता प्रकाशन के समय भी क्षमायाचना कर ली थी, अब आपसे संवाद का अवसर प्राप्त हो जाने पर आपसे अलग से भी क्षमा चाहता Vivek Rastogihttps://www.blogger.com/profile/13115647692028990343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3482810709748108183.post-31910852212232230542011-06-03T19:30:03.547+05:302011-06-03T19:30:03.547+05:30रस्तोगी जी हमारी बाल कविता लगाई थी तो हमें सूचना त...रस्तोगी जी हमारी बाल कविता लगाई थी तो हमें सूचना तो दे ही देते!<br />इससे कुछ और भी कमेंट आ जाते इस पोस्ट पर!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com